5 Essential Elements For Shodashi

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श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१॥

चक्रेश्या प्रकतेड्यया त्रिपुरया त्रैलोक्य-सम्मोहनं

आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं

साम्राज्ञी चक्रराज्ञी प्रदिशतु कुशलं मह्यमोङ्काररूपा ॥१५॥

In the event the Devi (the Goddess) is worshipped in Shreecharka, it is claimed to become the very best form of worship from the goddess. You can find sixty four Charkas that Lord Shiva gave into the human beings, in addition to various Mantras and Tantras. These were given so which the individuals could center on attaining spiritual Added benefits.

चक्रेऽन्तर्दश-कोणकेऽति-विमले नाम्ना च रक्षा-करे ।

The selection of mantra variety isn't merely a subject of desire but demonstrates the devotee's spiritual targets and the character of their devotion. It is just a nuanced element of worship that aligns the practitioner's intentions While using the divine energies of Goddess Lalita.

She's depicted with a golden hue, embodying the radiance on the increasing Sunlight, and is commonly portrayed with a 3rd eye, indicating her wisdom and Perception.

Her Tale features legendary battles towards evil forces, emphasizing the triumph of excellent in excess of evil as well as the spiritual journey from ignorance to enlightenment.

मुख्याभिश्चल-कुन्तलाभिरुषितं मन्वस्र-चक्रे शुभे ।

The title “Tripura” implies the three worlds, plus the more info phrase “Sundari” means quite possibly the most stunning woman. The identify on the Goddess just means quite possibly the most attractive Woman while in the 3 worlds.

The Mahavidya Shodashi Mantra fosters emotional resilience, encouraging devotees method lifestyle by using a serene and continuous intellect. This gain is valuable for all those enduring pressure, since it nurtures inner peace and the chance to retain psychological stability.

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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